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Sunday, December 25, 2022

Christmas 2022

We look to Jesus, Jesus looks to the Lord!
We sing to Jesus , Jesus sings to the Lord! 
We pray to him for mercy, He embraces us
And says : let's pray  together  to the  Lord!

Jesus walks the way configured by the Tao
He  remains prepared for the here and now
Remains humblest of the humble like water
That flows downward, to soothe each brow!

Before the last supper He washes the  feet
Of His disciples to teach them how to treat
Fellow travellers, to entreat God, their Lord!
Each one must be ready for the Dutch treat!

Stone the builders reject, is the cornerstone
As son of God, Mary’s Jesus is a milestone
He lives in everybody , be he Peter or Judas 
He draws everyone to him, He's a loadstone!

 Om Shantih 
Ajit Sambodhi

Friday, December 9, 2022

कहने को बहुत कुछ है

कहने को बहुत कुछ है 
पर कह नहीं पाते 
यादों का ज़ख़ीरा लेकर 
तस्वीर बनाते हैं।

क्या ख़ूब समा लगता था
गुलफ़ाम के डेरे में 
क्या ख़ूब हँसी झरती थी
नूरानी घेरे में।
पलकों के साए में 
हर रोज़ शिगूफ़े थे
वो ख़्वाब थे या गुलरू
मौसम के लतीफ़े थे?
क्यों तारे झकाझक थे
कुछ कह नहीं पाते हैं 
कहने को बहुत कुछ है 
पर कह नहीं पाते हैं।

वो दौरे मुरव्वत था
वो वक़्ते सदाक़त था
कोई इल्म का वारिस था
कोई अक्से नफ़ासत था।
कहीं उलझी फ़िज़ाएँ थीं
कहीं सुलझी निगाहें थीं 
महफ़ूज मुराक़िब था
पुर अम्न दिशाएँ थीं।
क्यों चुप थी रूहे रवाँ
कुछ कह नहीं पाते हैं 
कहने को बहुत कुछ है 
कुछ कह नहीं पाते हैं।

दिल एक मुसाफ़िर है?
फ़ानूसे ख़याली है?
इक अब्रे मुहब्बत है?
बाइस की बहाली है?
बंदिश का मक़्तब है?
मंसूर का मक़्तल है?
बहता हुआ दरिया है? 
गुज़री सी हक़ीक़त है?
क्यों ज्वार उठा करता है 
कुछ कह नहीं पाते हैं 
कहने को बहुत कुछ है 
कुछ कह नहीं पाते हैं।

शबका के साए में 
लमहात गुज़ारे हैं
अल्फ़ाज़ तराशे हैं
गोशे भी सजाए हैं। 
कुछ चाँद के पारा हैं 
कुछ बर्को शरारा हैं 
अज़ली गुलूकारा हैं 
सहरा में सहारा हैं। 
दरिया का किनारा है 
कुछ कह नहीं पाते हैं 
कहने को बहुत कुछ है 
कुछ कह नहीं पाते हैं।

झीनी सी चिलमन थी
अनजान सी थिरकन थी
सूरत में हैरत थी 
बरख़ुर्द सी धड़कन थी।
ये सदा की हरकत थी
या रब की कुदरत थी
हल्का सा इशारा था
अनजान सी बरकत थी।
क्या टूटा वो सितारा था
कुछ कह नहीं पाते हैं 
कहने को बहुत कुछ है 
कुछ कह नहीं पाते हैं।

मस्कूल है मस्ताना
छोटा सा है अफ़साना
ख़ंदालब ओ पेशानी 
छोटा सा है नज़राना। 
गुलरेज़ सभी अपने 
राहत के सभी सपने 
ओढ़े नूरानी चादर
या सूफ़ी क़बा चिकने। 
क्यों ताक रहे ऊपर
कुछ कह नहीं पाते हैं 
कहने को बहुत कुछ है 
कुछ कह नहीं पाते हैं।

कहने को बहुत कुछ है 
कुछ कह नहीं पाते हैं 
यादों का ज़ख़ीरा लेकर 
तस्वीर बनाते हैं।

ज़ख़ीरा=गट्ठर। गुलफ़ाम=प्यारा। नूरानी=रोशन।
शिगूफ़े=लतीफ़े=किस्से। गुलरू=फूलों के मानिंद।
मुरव्वत=दिल में दूसरे के लिए जगह होना।
सदाक़त=ईमानदारी। महफ़ूज़=सुरक्षित। 
मुराक़िब=ध्यानस्थ योगी। रूहे रवाँ=बहती हुई रूह।
फ़ानूसे ख़याली=कल्पनाशीलता। अब्रे मुहब्बत=प्यार 
का बादल। मक़्तब=पाठशाला। मक़्तल=वधस्थल।
शबका=जाल(यहाँ सितारों का)। लमहात=लमहा(बहु.)।
अल्फ़ाज़=लफ्ज़(बहु.)। गोशे=कोने। पारा=टुकड़े।
बर्को शरारा=बिजली और sparks. अज़ली गुलूकारा=
आदिकालीन गायक(ध्यान में उठने वाला नाद)।
सहरा=रेगिस्तान। चिलमन=पर्दा। बरख़ुर्द=ख़ुशक़िस्मती।
मस्कूल=रोशन। ख़ंदालब ओ पेशानी=मुस्कुराते होठ और 
चेहरा। नज़राना=पेशगी।गुलरेज़=जिसमें से फूल
(यहाँ प्रकाश के)झरते हों। क़बा=सूफ़ी चोगा।

ओम् शान्ति:
अजित सम्बोधि।

Thursday, December 1, 2022

हज़रत बाबाजान : एक दुआ

Hazrat Babajaan is considered the presiding spirit of Pune. Her kiss turned 19 year old Merwan into avtar Meher Baba. Know more about her from Ruzbeh Bharucha: The Qutub and The Rose.

प्रसीद माता  मे दर्शय  ते रूपम्
अचक्षुदर्शनम् द्रष्टुम् इच्छाम्यहम्।

कैसे करूँ  इबादत , नहीं जानता 
कैसे मनाऊँ तुझको, नहीं जानता 
सब   कहते   तुझको   बाबाजान
बस      इतना      ही      जानता।

तुझपे मैं क़ुरबान, ए मेरी मेहरबान 
मेरी  रहबर  तू , तू ही मेरी रहमान।

तू तो है हमादाँ, राज़दाँ भी मेरी 
गुलफिशाँ और कारदाँ भी मेरी।

देखता जब भी तेरी बाँकी  अदा
दिल  तुझ   पर  हो जाता  फ़िदा
तुझसे   हो   न   पाता   मैं  जुदा 
आख़िर  तो   तू   है   मेरी  क़दा।

तेरी  चाहत  से  है  मिली  राहत
वरना  मेरी  क्या  है  सलाहियत
मुझमें  कहाँ  है   वो   लियाक़त
जो तेरी  कर  पाता  मैं  इबादत।

मैं नफ़र , तू ज़फ़र
मैं नफ़ीर, तू सफ़ीर।
मैं नदीम , तू क़दीम
मैं कलीम, तू अलीम।
मैं ख़फ़ीफ़, तू अफ़ीफ़।
मैं ख़लीस , तू सलीस।
मैं क़ाफ़ूर , तू गफ़ूर।
मैं हताश, तू बश्शाश।

मैंने नाहक में वक़्त गुज़ारा
न तेरा ढूँढा अबतक सहारा 
तू न  करती जो  वो  इशारा 
कैसे देख पाता मैं ये नज़ारा।

मैं कितना रहा अनजान 
तू कितनी रही मेहरबान।

मुझे यक़ीन, तेरी शफ़क़त
बख़्शेगी मुझ पे नियामत।

मैं   ख़ुद  को  ढूँढता  हूँ 
लोग दीवाना समझते हैं 
मैं   तुझको   ढूँढता   हूँ 
लोग परवाना समझते हैं।

आख़िर  क्या करे  ये गदागर
क्यों नहीं समझते ये सौदागर?
तेरी  आस्तान  पे  न  करूँ मैं 
अपनी  दास्तान को  उजागर?

ऐ जाने-मन, तू मेरा ईमाने-मन
तेरी जानिब  ही लगा  दुर्रे-मन।

तू मेरे सात  सुरों की  सरगम 
तू ही दमसाज़, मेरी दमक़दम
अपनी नज़रों से न करना दूर 
तेरे क़दमों में रहूँगा मैं हरदम।

ऐ शाने जमाल, ऐ  शाने जलाल
तेरे साये में पड़ा, रखना ख़याल।

मैं नफ़्फ़ार, तू गफ़्फ़ार
मैं वारफ़्ता, तू बारफ़्ता
मैं परबस्ता, तू गुलदस्ता 
मैं वाबस्ता, तू वारस्ता
मैं तंगदस्त, तू अलमस्त
मैं फ़िकरमंद, तू दानिशमंद
मैं पोचगो, तू साफ़गो
मैं बुतपरस्त, तू हक़परस्त।

आया हूँ मैं  तेरी  आस्तान पे
बख़्श दे रहम मेरी दास्तान पे।

ऐ मेरी वहीद, मेरी हबीब 
मुझे करले अपने  क़रीब।

दस्तबस्त खड़ा हूँ ऐ ख़ुदावंद
तेरा नज़रबंद हूँ, तेरी सौगंद।

तेरा दामन ही मेरा पुश्तपनाह
करदे मुआफ़ मेरे सभी गुनाह।

पोंछ दे  मेरा सैलाबे सिरिश्क
मैं हूँ बेपनाह, मासूम गुंजिश्क।

तूही मेरी मंज़िल तूही मक़सूद
तेरे बिना मेरा है क्या वजूद?

ऐ आबिदा  तूही  मेरी  परस्तिश 
मेरा सिराज मेरा उँस ओ कशिश।

ऐ फ़रिश्ता-ख़ू, ऐ पीर ओ मुर्शिद
ऐ ज़हेनसीब, चश्मेख़ाना, खुर्शीद।

ऐ उनास  तेरी ही आस
न करना मुझको निरास।

मैं हबाब तू सैलाब
भरदे मुझे बेहिसाब।

मैं ऐश परस्त, तू एज़द परस्त
मैं ख़ुद परस्त, तू ख़ुदा परस्त
मैं अना परस्त, तू अल्ला परस्त
मैं सनम परस्त, तू समद परस्त।

मुहब्बत होती  मदहोशकुन
दीवानगी होती मिस्मारकुन।

अश्क की नक़दी तुरन्त बाँट देती
आहों का पसकूचा जागीर में देती।

क्या सो पाई थी ज़ुलेख़ा फ़िर 
दे दिया यूसुफ़ को जब जिगर।

तू कुजास्त, तू कुजास्त
मैं  ढूँढूँ  तुझे  चपरास्त।

ऐ ज़रनिगार, ऐ यमामा
कैसा   ये   मुअम्मा
बना ले मुझे हमामा
या  अपना  दमामा।

ऐ मामानम, ऐ ख़ाहारम  o my mother, o my sister
ऐ  दूस्तम , ऐ  बाबम        o my friend, o my father
बलबम रसीद जानम       my  life  is  oozing   out
तो बया कि ज़िंदा मानम्। pl. come & turn it about.

दुआ=prayer. रहबर=guide. रहमान=compassionate.
हमादाँ=omniscient. राज़दाँ=trustworthy.
गुलफ़िशाँ=जिससे फूल झरते हों। कारदाँ=caretaker.
क़दा=shelter. सलाहियत = ability.
नफ़र=सेवक। ज़फ़र=success.
नफ़ीर=trumpet. सफ़ीर=ambassador.
नदीम=पास बैठने वाला। क़दीम=ancient.
कलीम=बातें बनाने वाला। अलीम=ज्ञानवान।
ख़फ़ीफ़=कमज़ोर। अफ़ीफ़=बेहतरीन।
ख़लीस=साधारण। सलीस=excellent.
काफ़ूर=vaporous like camphor. गफ़ूर=affable.
हताश=downbeat. बश्शाश=upbeat.
शफ़क़त= करुणा। नियामत= blessing.
गदागर=फ़कीर। आस्तान=दहलीज़।
जानिब=सिम्त। दुर्रे-मन=मन का मोती।
दमसाज़=प्रिय। दमक़दम= life & existence.
शाने जमाल=शानदार शख़्सियत। शाने जलाल=तेजवान।
नफ़्फ़ार=cussed. गफ़्फ़ार=gracious.
वारफ़्ता=in step. बारफ़्ता=out of step.
परबस्ता=pinioned. गुलदस्ता=bouquet.
वाबस्ता=bound. वारस्ता=free.
तंगदस्त=hard-pressed. अलमस्त=insouciant.
फ़िकरमंद=worried. दानिशमंद=wise.
पोचगो=फ़ज़ूल बोलने वाला। साफ़गो=साफ़ बोलने वाला।
बुतपरस्त=मूर्ति पूजक। हक़परस्त=ईश्वर पूजक।
वहीद=ईश्वर। हबीब=प्रिय।दस्तबस्त=हाथ जोड़ कर।
ख़ुदावंद=ऐ ख़ुदा। नज़रबंद=क़ैदी। पुश्तपनाह=सहारा।
सैलाबे सिरिश्क=flood of tears. गुंजिश्क=sparrow.
मक़सूद=ख़्वाहिश। वजूद=अस्तित्त्व। आबिदा=योगिनी।
परस्तिश=पूजा। सिराज=प्रकाश। उंस=प्यार। ओ=और।
कशिश=आकर्षण। फ़रिश्ता-ख़ू=फ़रिश्ता जैसी। 
पीर=महात्मा। मुर्शिद=गुरु। ज़हेनसीब=अहा सौभाग्य!
चश्मेख़ाना=आँख का विश्रामकक्ष। ख़ुर्शीद=सूरज।
उनास=माँ जैसी। हबाब=बुलबुला। एज़द=ख़ुदा।
अना=ego. समद=eternal. कुन=करने वाला/वाली।
कुजास्त=कहाँ है? चपरास्त=हर तरफ़।
ज़रनिगार=स्वर्णचित्रित। यमामा=legendary blue-eyed
lady. मुअम्मा=mystery. हमामा=कबूतर। दमामा=drum.

तमामशुद।

क़दमबोस
अजित सम्बोधि।