वो पूँछते हें क्यों रंगो से हम
ये घोल बनाया करते हें
फिर आते जाते पथिकों को
क्यों रंग बिरंगा करते हें?
ये रंग करिश्मा करते हें
सब भेद मिटाया करते हें
ग़ैरों को भी इन रंगों से
हम अपना बनाया करते हें!
जब ख़ुशी मनानी होती है
हम रंग लपेटा करते हें
ख़ुशियों को जी भरके फ़िर
हम जीवन से लपेटा करते हें।
होली पे बसन्ती मौसम की
एक झलक दिखाया करते हें
पुरवैय्या के रंगीन थपेड़े
नई छटा बखेरा करते हें!
ये जीवन तो रब की नेमत
जीवन को सजाया करते हें
दो घड़ी कहीं भी मिलकर के
हम हँसना हँसाना करते हें!
ये करम है मालिक का जो हम
ये मिलना मिलाना करते हें
हर फ़िज़ा चमकने लगती है
जब गुलाल उड़ाया करते हें ।
फ़िर आगे मिलने का वायदा
जाने से पहिले करते हें
रब की ये मेहर बानी है
वायदा भी निभाया करते हें !
होली की शुभ कामनायें
अजित सम्बोधि।
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