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Thursday, April 18, 2024

आज बस मुस्कुरा देना!

  बस कोई मुस्कुरा भर दे, इतना ही चाहता हूँ 

यह करम मुझ पर कर दे, इतना ही चाहता हूँ।

 वो मुस्कान ए लब हो या इब्तिसामे चश्म हो 

यह तोहफ़ा  है प्यार का, इसे पाना चाहता हूँ।


मुझे नहीं चाहिए बड़े बड़े वायदे वो प्यार के 

ना ही मुझे  चाहिए वो अल्फ़ाज़  इकरार के।

बोल दिया तो बात का वज़न बिखर जाता है 

बिना बोले कहदेना, ये जादू पास मुस्कान के !


ये बड़ी नायाब दौलत है, यही जो मुस्कुराहट है 

नाहीं वहाँ कोई आहट है और नाहीं घबराहट है।

न बातों को चमकाने की  कोई खुसफुसाहट है 

बस चेहरे पे लिख जाती दिलकी जगमगाहट है!


अगर जो रश्क है मुझसे, बस मुस्कुरा भर देना 

मैं पास में हूँ या दूर में हूँ, बस मुस्कुरा भर देना।

लफ़्ज़ तो बेमानी हो जाते हें उस सुकूत के आगे 

जिसका काम है  दम ब दम, सुकून से  भर देना!


मुस्कान ए लब= होठों पे मुस्कान। 

इब्तिसामे चश्म = आँखों की हँसी।

रश्क= किसी के जैसा होने की चाहत।

सुकूत= सन्नाटा। सुकून = चैन।


ओम् शान्ति:

अजित सम्बोधि।

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