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Monday, January 2, 2023

नई सुबह 2023

ये हवा जो बह रही है 
ये हवा कह रही है 
ग़ौर से सुनना मुझको 
नई सुबह आ रही है ।

एक सुबह जा रही है 
एक सुबह आ रही है 
मौसम की इक ख़्वाहिश 
करवट बदल रही है ।

ये दुनिया आती रही है 
ये दुनिया जाती रही है 
दिल को बहलाने का
काम करती  रही है ।

कोई धुन आ रही है 
कोई गूँज आ रही है 
चिनगारी एक बनके 
चिराग़ जला रही है।

सुनहरी यादआ रही है
रुआँसा कर रही है 
वापस वो लमहा ला दो
मुझको कह रही है ।

ओम् शान्ति:
अजित सम्बोधि।

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