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Thursday, October 31, 2024

दिवाली आ गई।

लो वो आ गई, लो वो आ गई 
मुंतज़िर थे हम, लो वो आ गई।
रौशनतर करने के लिए सबको 
आज फ़िर से याद उसे आ गई।
जिसे कहते हें सब दिवाली, वो 
फ़िर से अपनी दिवाली आ गई।

ज़िन्दगी इक सफ़र है सुहाना
साथ  रहते  हुए  हमने  जाना।
ये नेमतें  जो  हमको  मिली हें 
रब दी किरपा है , हमने  माना।
मिटाने को अँधेरे घनेरे आ गई 
अपनी दिवाली फ़िर से आ गई।

दम ब दम हम यों ही चलते रहेंगे 
मालिक तेरा नाम गुनगुनाते रहेंगे। 
गो कि  हम  बहकते  भी  रहते हें 
मुनव्वर  तेरे पास, हम आते रहेंगे।
तू हमारा है , दिलाने याद  आगई
प्यारी दिवाली आज फ़िर आ गई।

मुंतज़िर=इंतिज़ार करने वाला।
रौशनतर= और अधिक रौशन।
दम ब दम= हर दम।गो कि= यद्यपि।
मुनव्वर=ईश्वर।

दिवाली की शुभ कामनाएँ 
अजित सम्बोधि 

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