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Saturday, August 14, 2021

मालूम न था

सब कुछ होगा, मगर ऐसा होगा, हमें मालूम न था
ज़िन्दगी इतनी नामेहरबां होगी , हमें मालूम न था।

दिल था हमारा सीने में, धड़कता भी था हर शै पर
बेदस्तोपा हो जायेगा इस क़दर , हमें मालूम न था।

आसमां नीलफ़ाम था, चमकता था चांद भी उसमें
यकायक तूफ़ान से भर जायेगा, हमें मालूम न था।

गुल थे शाख पे, गुंचे भी थे, परिन्दे भी थे ख़ुशगुलू
शजर ही गिर पड़ेगा भरभराकर, हमें मालूम न था।

जहां भी क़दम रखते थे , चमन आबाद दिखते थे
ख़ुद का रोपा ही उजड़ जायेगा, हमें मालूम न था।

एक पुल होता था, बरवक़्त, दरिया पार करने को
वही बह जायेगा, बेवक़्त ऐसे , हमें मालूम न था।

कैसे उजड़ता है बसा घर, यह तो किस्सों में होता था
हमही बन जाएंगे किस्सा एक दिन, हमें मालूम न था।

जीते जी मर जाना किसको कहते हैं, हमें मालूम न था
सांस आती रहेगी, जान जाती रहेगी, हमें मालूम न था।

ख़्वाब बहुत ख़ुशदिल होते हैं, और हक़ीक़त संगदिल
जो चला गया वोह ख़्वाब था क्या? हमें मालूम न था।

नसीहत देने वाले ख़ूब मिलते हैं, साथ देने वाले नहीं
दोनों मिले थे एक में, छूट जाऐंगे, हमें मालूम न था।

सोचता था मुहब्बत में दर्द, फ़र्क़, और फ़र्ज़ रुलाते हैं
यादें भी रुलाया करती हैं, यह तो, हमें मालूम न था।

कुछ कह लेना, कुछ सुन लेना, यही तो करता था मैं
यह दस्तूर भी अधूरा रह जाएगा, हमें मालूम न था।

जिनकी ताउम्र ज़रूरत थी, उन्हें खो दिया है आज
अब खोने को कुछ बचा ही नहीं, हमें मालूम न था।

मैंने उनको वक़्त दिया, उन्होंने मुझको वक़्त दिया
यह साझेदारी ख़त्म हो जाएगी, हमें मालूम न था।

हम कद्र करते थे मिल कर, ज़िन्दग़ानी के अहद की
ज़िन्दगानी उधार की बन जाएगी, हमें मालूम न था।

कितने भी क़रीब हों, हर बात का पता नहीं चलता
इतनी चाहत होगी कि टूट जाएंगे, हमें मालूम न था।

लोग दिल में दिमाग़ को रखते हैं, मैं दिमाग़ में दिल को
दिल की सुनने में फ़कीर हो जाते हैं, हमें मालूम न था।

क्या दौर है, लोग समझते नहीं, समझा देते हैं, क़सम से
अपनी मुहिम में इतना क़ामयाब होंगे, हमें मालूम न था।

बुरा करने पर बुरा लगे यह तो लाज़िमी है ही, होना
अच्छा करने वाले भी नहीं भाते हैं, हमें मालूम न था।

चलती रहती है ज़िन्दगी सफ़र में बिला किसी हिचक के
वो भी तो थक जाती है एक वक्त पर, हमें मालूम न था।

कितने मसरूफ़ रहे थे हम तवक्कुल में साथ साथ
कौकब की भी एक उम्र होती है, हमें मालूम न था।

बेदस्तोपा= मजबूर। नीलफ़ाम= नीले रंग का।
शजर= पेड़। गुंचे= कलियां। संगदिल= पत्थर दिल।
बरवक़्त= हरवक़्त। ख़ुशगुलू= मीठी आवाज़ वाले।
अहद= paramountcy. मसरूफ़= busy.
तवक्कुल= total surrender to God.
कौकब= a very big and bright star.

ओम् शान्ति:
अजित सम्बोधि।

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