Popular Posts

Total Pageviews

Monday, November 22, 2021

क्या पाया?

सब कुछ पाया हमने , न ख़ुद को पाया हमने
अब जाना ऐ जगवालो, कुछ नहीं पाया हमने।

दुनियाने जोकुछ बतलाया,दौड़के उसको देखके आया
कहीं पीछे ना रह जाऊँ मैं , ख़ुद को मैंने  ख़ूब  भगाया
भागम भाग  की दुनिया में, अंत में थकना पाया  हमने।

वादे  देखे  कसमें  देखीं , धोखे  देखे  आँसू  देखे
सपने बिस्मिल होते देखे, धनदौलत पे बिकते देखे
चकाचौंध की दुनिया में, मन में अँधेरा पाया हमने।

जब अन्दर में  झाँका हमने, अजब नज़ारा देखा हमने
सब कुछ जगमग देखा हमने, कौकब तारा देखा हमने
कहीं दिवाली देखी हमने , कहीं कहकशाँ पाया हमने।

 बिस्मिल = ज़ख़्मी। कौकब = the brightest star. 
कहकशाँ = the milky way.

ओम् शान्ति:
अजित सम्बोधि।

No comments:

Post a Comment