बता देना अगर मिल जाए चाहने वाला।
हर कोई पैवस्त है ख़ुद के ख़यालों में
नहीं मिलेगा कोई ख़याल रखने वाला।
अच्छा होता राह में खिलता फूल होता
कोई आही जाता कभी मुस्कुराने वाला।
ये ज़िन्दगी सफ़र है, अब मान भी जाओ
मुसाफ़िर कोई नहीं होता है, रुकने वाला।
ठोकरें इतनी खाईं हैं कि उजाला हो गया
कहाँ से आयेगा, कोई शमा जलाने वाला।
दिल का और दर्द का तो रिश्ता है पुराना
दिल शाद जो करदे, है भी कोई दिल वाला?
आदमी तो बहुत मिल जाते हैं, मुझे चाहिए
वो अन्दर का आदमी, न कि ये बाहर वाला।
हर चेहरे के पीछे होते हैं कई और भी चेहरे
तलाश में हूँ, मिल जाए, बिना मुखोटे वाला।
किश्तों में तो मुहब्बत ख़ूब मिलती रहती है
गुमशुदा होगया, था जो एक मुश्त देने वाला।
पैवस्त= involved. शाद= ख़ुश।
ओम् शान्ति:
अजित सम्बोधि।
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