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Monday, December 13, 2021

तेरी बिना पर ही जीते हैं हम

दर्द तो सब हम पिये जाऐंगे
ज़िंदगी को हम जिए जाऐंगे
परखने आऐंगे ग़म तो  सदा
मगर हम चलते चले जाएंगे।

नाकामियों से  हम न  घबराएंगे
दिलकी आवाज़ को सुने जाऐंगे
रुकना कभी  हमने  जाना  नहीं
गीत गाते  हुए हम  चले  जाएंगे।

तेरी रंगत में रंगते चले  जाएंगे
तेरी क़ुर्बत में रहते चले जाएंगे
क्या हुआ मिटना पड़ जाए ग़र
तेरे पास  फ़िर भी चले  जाएंगे।

ऐ मालिक तेरे दम पे जीते हैं हम
तेरी खातिर ही तो  ज़िन्दा हें हम
तेरे बिना क्या औकात किसी की
तेरी बिना पर ही तो जीते हैं हम।

क़ुर्बत= साथ। बिना= वजह से, without.

ओम् शान्ति:
अजित सम्बोधि।


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