1
ये शाम सुहानी है , मौसम की रवानी है मेरी ज़ुबानी है , गो कि बात पुरानी है
मुबारक हो आप सबको , ये शाम सुहानी
ये तो आपके ही दिलकी , नायाब कहानी है ।
प्यार देने के सिवा मा ने, कुछ और नहीं जाना
अपनी जान से बढकर , औलाद को माना ।
पापा ने हिफ़ाज़त को , हिफ़ाज़त से है रक्खा
औलाद की सलामत, अपना फ़र्ज है माना।
मा ने गोदी में सुलाया, आँचल का प्यार देकर
पा ने कंधे पे उठाया , नज़रों से प्यार देकर।
ये कहानी है पुरानी, लगती है ताज़ा लेकिन
हर दिल ने इसे जाना , कसौटी पे कस कर।
एक हाथ पकड़ती मा , एक हाथ पकड़ते पा
और बीच में चलता बच्चा , उठा उठा के पा
बच्चा क्या मिल गया , मिल गया है जहाँ
कभी मा उठाती उसको , कभी उठाते हें पापा।
ये शाम सुहानी है , मौसम की रवानी है
मेरी ज़ुबानी है , गो कि बात पुरानी है
मुबारक हो आप सबको , ये शाम सुहानी
ये तो आपके ही दिल की , नायाब कहानी है ।
नायाब= matchless. सलामत= सुरक्षा।
2
जिनकी बदौलत बैठे यहाँ पर , उन्हें याद करना हो पा रहा है
रब का करम है हम सब के ऊपर, सुहाना सफ़र तय हो पा रहा है ।
मालिक कहीं पे दिखता नहीं है, उसका करम कैसे मिल पा रहा है
माता पिता हें नुमाइंदे उसके, ऐसे करम हमको मिल पा रहा है ।
सबको नमन है मेरा यहाँ पर, आपस में मिलना हो पा रहा है
जुदा सबकी मंज़िल जुदा सबकी राहें, मिलना मगर हो पा रहा है ।
जिनकी बदौलत मिले हम यहाँ पर, उन्हें याद करना हो पा रहा है
ऐसे ही आगे भी मिलते रहेंगे, ऐसा भरोसा भी हो पा रहा है ।
मुझको इज़ाजत अब दीजिए , भारी से मन से मैं कह रहा हूँ
मालिक से अब ये दुआ कीजिए , फ़िर से मिलाए ये कह रहा हूँ ।
बदौलत = कारण से। रब= ईश्वर। करम= क्रपा।
नुमाइंदा = representative. जुदा= separate.
ओम् शान्ति:
अजित सम्बोधि।
No comments:
Post a Comment