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Thursday, May 25, 2023

Promise याद है ?

 We made a promise once

It  is  valid  for  the  nonce
Promises are like the nuns
They work for the heavens!

I don't sell my poetry
Nor do I  sell my  sky 
To be frank, I write poetry
Don't assemble in factory!

वो सच बोल रहा था बड़ी शिद्दत से 
सवाल है कैसे लेता मैं उसे हल्के से।

उसे समझना आसान न था , वो मेरे इतना क़रीब था
कभी वो मुझमें समा गया, कभी मैं उसमें समाया था।

कभी दूर से खिल गया, कभी पास आके ठिठक गया
मैं  कैसे सम्हल पाता , मेरा हाथ थामे वो बिखर गया। 

मिल गया था मुझको वो , एक दोस्त के मानिन्द
बिछड़ गया मुझसे वो, एक अनजान के मानिन्द।

मैंने अपने हाथ उठा दिये, आसमान की तरफ़ 
उसने बादल का टुकड़ा भेज दिया, मेरी तरफ़। 

होठ याद करते हैं, बिना कोई आवाज़ के 
गीत उकर आते हैं, बिना किसी साज़ के 
वक़्त का गुज़रना ही अगर ज़िन्दगी है तो
वो तो हो जायेगा, पर बिना आग़ाज़ के। 

जब तू ही लिखता सबके मुकद्दर है 
कोई सिकन्दर, कोई दरिद्दर क्यों है?

ओम् शान्ति:
अजित सम्बोधि।

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