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Thursday, October 31, 2024

संग संग थे दीप जलाने।

कैसे भूले वायदे निभाने?
संग संग थे दीप जलाने!

रख लेता मन में  छुपा के 
सपनों के संग में सजा के।
इबादत के लिए  बचा के
दो घड़ी सब को भुला के।
काहे  न आये  तुम बुलाने
संग संग  थे  दीप  जलाने!

कैसा भी हो भले ही नशेमन
वहीं पर तो मिलता है अमन।
वही तो होता दिल का चमन
दिवाली का हो गया आगमन।
इसी बहाने से आ जाते बुलाने 
संग   संग   थे   दीप   जलाने!

हर गोशा मैं खोजा किया 
जा जा के तलाशा किया।
यादों  ने  किनाया  किया 
तेरी मुस्कान मैं ढूँढा किया।
तुम न आए पे दीप जलाने
संग  संग  थे  दीप  जलाने!

ये  मौक़े  न  हर  दिन आने 
बस बरस में इक बार आने।
क्या इतनी भी फ़ुर्सत न थी 
चले आते जो वायदा निभाने?
कब  आओगे  अश्क़  मिटाने?
संग  संग  थे   दीप   जलाने!

नशेमन = घौंसला। गोशा = कोना।
किनाया= इशारा। अश्क़=आँसू।

दिवाली की शुभ कामनायें
अजित सम्बोधि

दिवाली आ गई।

लो वो आ गई, लो वो आ गई 
मुंतज़िर थे हम, लो वो आ गई।
रौशनतर करने के लिए सबको 
आज फ़िर से याद उसे आ गई।
जिसे कहते हें सब दिवाली, वो 
फ़िर से अपनी दिवाली आ गई।

ज़िन्दगी इक सफ़र है सुहाना
साथ  रहते  हुए  हमने  जाना।
ये नेमतें  जो  हमको  मिली हें 
रब दी किरपा है , हमने  माना।
मिटाने को अँधेरे घनेरे आ गई 
अपनी दिवाली फ़िर से आ गई।

दम ब दम हम यों ही चलते रहेंगे 
मालिक तेरा नाम गुनगुनाते रहेंगे। 
गो कि  हम  बहकते  भी  रहते हें 
मुनव्वर  तेरे पास, हम आते रहेंगे।
तू हमारा है , दिलाने याद  आगई
प्यारी दिवाली आज फ़िर आ गई।

मुंतज़िर=इंतिज़ार करने वाला।
रौशनतर= और अधिक रौशन।
दम ब दम= हर दम।गो कि= यद्यपि।
मुनव्वर=ईश्वर।

दिवाली की शुभ कामनाएँ 
अजित सम्बोधि 

Wednesday, October 30, 2024

Festival of Lights!

We call Festival of Lights, Diwali!

It’s the biggest festival beside Holi.

Holi uses colors and Diwali floods

Of lights, to make everybody jolly!


Diwali drives away  all  darknesses 

That everyone one day experiences.

Yes, darkness has so many contours

But light  lights up all  the  recesses!


Light, yes, natural light, is life giving 

Its modes and colors keep on altering.

It may swap  sunning for burning, Or

It may melt the heart, it’s so softening!


I wish everyone a very happy Diwali 

Be he Chandan, Changez, or  Charlie!

Look for this lively wizard inside you 

Where there transpires nonstop Diwali!


Your chum

Ajit Sambodhi