Popular Posts

Total Pageviews

Wednesday, November 27, 2024

वो दो घण्टे!

तेरा ख़्वाब मेरा भी ख़्वाब है 

हक़ीक़त   में   लाजवाब  है 

जो ख़्वाब मैं  न  बता सका 

ये  उसी  का  तो  जवाब  है

तेरा ख़्वाब मेरा भी ख़्वाब है।


पेड़ों से  गल बहियाँ  करना 

फ़ुलवारियाँ  निहारा   करना 

जम्बूरात  के    हुज्जूम     से 

बख़ूबी ख़ुद को बचाया करना

ये   उसी  का  तो   जवाब  है

तेरा ख़्वाब  मेरा भी  ख़्वाब है।


वो बतखों का  सिमटते  जाना

अबयज का दायरा बढ़ते जाना 

क्या इन्सान सीख  लेगा  उनसे 

प्यार से ज़िन्दगी  चलाते जाना?

ये   उसी  का   तो   जवाब   है

तेरा  ख़्वाब  मेरा भी  ख़्वाब  है।


आसमाँ  ने   चादर  उढ़ा  दी

मामूनियत की चादर उढ़ा दी

अब  सब महफ़ूज़ हें  यहाँ पे 

तहम्मुल  की  चादर  उढ़ा दी

ये  उसी  का   तो  जवाब  है

तेरा ख़्वाब मेरा  भी ख़्वाब है।


जम्बूरात = honey bees.

अबयज = whiteness.

मामूनियत=security. 

तहम्मुल = love.

महफ़ूज़ = secure.


ओम् शान्ति:

अजित सम्बोधि

No comments:

Post a Comment