मैं भूल भी जाऊँ तो क्या होगा
रब को तो सब कुछ याद है न
मेरी भला क्या औक़ात है
रब की रज़ा तो क़ायम है न।
ये जो रिश्ते हैं अभी के तो नहीं हैं
ये रिश्ते तो जन्मों से चले आ रहे
हम भूलते रहे हें तो क्या हो गया
रूहें नहीं भूलतीं ये याद रहे।
तुम दोनों के रिश्ते भी पुराने रहे हें
रुहों से ये जिस्म सजते रहे हें
न तुम थे जुदा न होगे जुदा
बस जिस्मानी चोगे बदलते रहे हें।
जीवन की नदिया बहती रही है
दो किनारे हमेशा से चलते रहे हें
तुम्हारी ये नाव चलती रही है
रब के इशारे से हर काम होते रहे हें।
तहे दिल से दोनों को दुआ दे रहा हूँ
बहारों को ये पैग़ाम दे रहा हूँ
ख्वाबों को तुम्हारे सजाते रहें
रब से भी ये ही दुआ कर रहा हूँ।
तुम दोनों को मुबारकबाद
पापा
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