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Thursday, September 18, 2025

बस एक मुस्कान चाहिये

वो पूछने लगे आपको क्या चाहिए 

मैंने पूछा किस बाबत क्या चाहिए?

कहने लगे कि ख़ुश  रहने  के लिए 

मैंने कहा सिर्फ़ एक मुस्कान चाहिए।


 तारीकी मिटाने को भला क्या चाहिए 

बस एक  जलता  हुआ  दिया  चाहिए 

 दिल की मायूसियत मिटाने के लिये 

बस  एक  नन्ही  सी  मुस्कान  चाहिए।


ख़ुश होने के लिए न बड़ी दौलत चाहिए 

और ना ही बहुत सी शोहरत ही चाहिए 

 दिल की ख़ुशी के लिए बस नक़द-दम 

 तहे दिल से निकली एक मुस्कान चाहिए!

 

तारीकी = अन्धकार। मायूसियत = उदासी।

 नक़द-दम = सिर्फ़।तहे दिल = अन्तरतम।


ओम शान्ति:

अजित सम्बोधि 

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