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Saturday, September 12, 2020

रियोकैन टाइगू

एक फ़कीर था जापान में, नाम था रियोकैन टाइगू
बा-सटोरी था , हाइकू  में किया करता था  गुफ़्तगू।

वह रहता था, गाँव से दूर, एक पहाड़ की तलहटी में
घास के बिछौने के सिवा, कुछ न था उसकी कुटी में।

फ़ज्र का वक्त था, वह गया था नहाने एक तालाब में
एक कूचागर आया, और दाख़िल हुआ पनाहगाह में।

कुटी में कुछ था नहीं, निकला तो टकराया टाइगू से
भागने लगा तो फ़कीर ने रोक के कहा, जजमान से।

मेरी कुटी में कुछ भी नहीं है , आपको देने के लिए
मेहरबान , मेरे कपड़े लेकर मुझ पर करम कीजिए।

रियोकैन ने कपड़े उतार कर , अजनबी को दे दिए
कूचागर हैरतअंगेज, भागने लगा , होश थे उड़े हुए।

बरहना खड़ा था रियोकैन, कहा, काश वो रुकजाता
मैं अपनी खिड़की में उतरता चाँद , तोहफ़े में दे देता।

बा-सटोरी= समाधिप्राप्त। हाइकू= haiku. 
गुफ़्तगू=बातचीत। फ़ज्र=early morning. 
कूचागर= prowler. पनाहगाह=शरणस्थली।
करम=क्रपा। हैरतअंगेज़=stunned. बरहना=nude.

ओम् शान्ति:
अजित सम्बोधि। 

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