मेरी दरख़्वास्त है तू अपना दर्द भी मुझे दे दे।
गुलाब के मानिंद किसी की ज़िंदगी महका सकूं
रहम कर के अपने चमन का इक•वर्द मुझे दे दे।•गुलाब
ज़िन्दगी की बाजी हार के, मायूस हुए बैठे हैं जो
पासा पलट दूं क़िस्मत का उनकी,•नर्द मुझे दे दे।•गोटी
तू ख़ालिक है जहां का, तुझे क्या राहत न चाहिए
ऐ कर्दगार मेरी इल्तज़ा है, कुछ•कर्द मुझे भी दे दे।•काम
जो मांगा है न दे सके तो इतना ही कर दे, मुनव्वर
तेरे प्यार में पागल है जो, वापस वो•फ़र्द मुझे दे दे।•इंसान
ओम् शान्ति:
अजित सम्बोधि।
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