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Thursday, November 19, 2020

दिला!

दिल बड़े नाज़ुक होते हैं, जल्दी बिखर जाते हैं
फ़िर सिमटते नहीं, हम हाथ मलते रह जाते हैं
इनकी धड़कनों को नज़रंदाज़ न किया करिये
ज़मीनें बाद में बंटती हैं, ये पहिले बंट जाते हैं।

वैसे दिल सा मुआफ़िक़ कोई भी नहीं होता है
आप चाहे बियाबां में हों, हमेशा साथ होता है
आप जब चाहें इससे इंतिहाई बात किया करें
इसकी जा कोई वक्त ग़ैरमुनासिब नहीं होता है।

दुनियां में एक दिल है जो हर कहीं मिला करता है
परिंदा, पेड़, बंदर या पंजर सब में धड़का करता है
दिल तो पत्थर में भी होता है, आप चाहे न माने ये
जब वो बिलखता है, झरना होके निकला करता है।

दिल तो एक पनाहगाह है जो मुरब्बी दिया करता है
दिलकश है, दिलकुशा है , दिलावेज़ी दिया करता है
इससे हमेशा बातें किया करें, दिलनवाज़ी के बाबत
वहीं रहता है दिलबर, जो दिलाराई किया करता है।

दिला= ऐ दिल। जा= जगह। मुरब्बी= सरपरस्ती।  दिलकुशा= रमणीक। दिलावेज़ी= शोभा। दिलनवाज़ी= दोस्ती। दिलबर= दोस्त। दिला राई= दिल में बस कर उसकी शोभा बढ़ाने का काम।

ओम् शान्ति:
अजित सम्बोधि।


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