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Friday, November 20, 2020

एक जोड़ा फ़ाख़्ता

मैं देख रहा था, दो फ़ाख़्ता हवा में तैर रहे थे
एक से एक बढ़कर, कलाबाज़ी दिखा रहे थे
कभी नीची डुबकी लगाते, कभी ऊपर उठते
ज़मीं के बजाय आसमां में जादू दिखा रहे थे।

यकायक डुबकी लगाई, मेरे क़रीब उतर आए
मैं हैरत में था, ख़ुश भी था, वो मेरे पास आए
तभी देखा ऊपर उक़ाब को चक्कर लगाते हुए
अब समझा मैं कि वो क्यों मेरे पास उतर आए।

पिकैसो के पिता ने कहा था नक़्शतराज़ बेटे से
फ़ाख़्ता नक़्श बरदीवार बनाओ अपनी कूची से
दुनियां में कोहराम मचा हुआ है , एक अरसे से
बहुत कुछ सीखना है , अमन पसंद फ़ाख़्ता से।

फ़ाख़्ता पास आए , मैं अजनबी था उनके लिए
भरोसा था इंसान पे, वो ख़तरा न था उनके लिए
अमन पसंद को पहिचान लिया अमन पसंदों ने
साबित कर दिया अहम है अमन दोस्ती के लिए।

फ़ाख़्ता= dove. उक़ाब= hawk.
नक़्शतराज़= चित्रकार।नक़्श बरदीवार= दीवार पर चित्र।

ओम् शान्ति:
अजित सम्बोधि।



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