तड़पती धरती पे बारिश गिरती है
धरती फ़ौरन से महकने लगती है
किसी के लिए दो आंसू गिरा देना
फ़िर देखो फ़िज़ा कैसी महकती है।
प्यार में होती है इक ऐसी कशिश
मिटा के रख देती है सारी ख़लिश
अपने दामन में सभी को समेट ले
बस यही होती है उसकी ख़्वाहिश।
चाहे किसी को भी परख के देख लो
अन्दर से अच्छे से झांक के देख लो
किसी भी इन्सान को बुरा न पाओगे
इक बार पूरा सा प्यार देकर देख लो।
हर इंसान में इक दरिया बहा करता है
बिला नागा वो हर वक़्त बहा करता है
उसको पास से सुनना वो जो कहता है
वह प्यार पाने और देने को तड़पता है।
प्यार का दस्तूर बड़ा ग़ज़ब हुआ करता है
सीधा सच्चा,समझ लें ऐसा हुआ करता है
देने पे दुगना होकर वापस मिला करता है
दिल में भरा रहता है,आला हुआ करता है।
प्यार में परमात्मा की ही झलक होती है
प्यार में उसे ही पाने की, ललक होती है
एक राज़ की बात बता देता हूं आज, मैं
प्यार परमात्मा की भेजी मलक होती है।
मलक= fairy, angel, फ़रिश्ता।
ओम् शान्ति:
अजित सम्बोधि।
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