मैं भी तुम्हारा , मुझे भी सम्हालो।
तुम्हीं ने गीता में वादा किया था
तुम्हीं ने सभी को भरोसा दिया था
जब भी किसी पर विपदा पड़ेगी
अकेले न उसको सहनी पड़ेगी।
क्या आओगे सबके लिए तुम ऐसे?
भागे सुदामा को लेने को जैसे?
बुलाता हूँ आओ मुझको सम्हालो
मेरी ख़्वाहिश को अपनी बना लो।
तुम्हारे भरोसे ही जीता रहा हूँ
तुम्हारी बिना पे ही अब जी रहा हूँ
मुझको अकेले न छोड़ा करो तुम
मेरा सहारा तो बस एक तुम।
तुम्हीं से तो मेरी पहिचान है
तुम्हीं से तो मेरी मुस्कान है
जब भी चाहो वापस बुला लो
तुम्हारा हूँ तुम ही मुझको सम्हालो।
ज़िंदा हूँ केवल ख़ातिर तुम्हारी
दिखती है सबमें सूरत तुम्हारी
यही एक रिश्ता है मेरा सभी से
यही तो बहाना है मिलने का तुमसे।
सभी कुछ तो होता तेरी रज़ा से
जज़ा देके आगे कर देते ख़ुद से
मुझको सिला से तुम नाही तोलो
मुझे तो बस तुम गले से लगा लो।
बिना=दम। जज़ा=सिला=इनाम।
ओम् शान्ति:
अजित सम्बोधि।
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