फैशन के बाजार में , फैशन के परिधान
फैशन सिर पै चढ़ि रही, नहि फैशन सो ज्ञान ।
फैशन को समझे नहीं, वा सो मूरख कौन
सब कोई गिट पिट करे, वा ठाड़ो है मौन ।
पीज़ा बरगर कोला , ब्रेड बटर सब जानें
फैशन के मारे परि , छाछ नहीं पहिचानें।
अल्थी पल्थी मार के, जीवण करो न जाइ
फैशन के काँटे बिना, मुख में ग्रास न जाइ ।
पैर छुअत में कऊॅ, रीढ़ न टूट ई जाइ
फैशन की बारात में, सब करें हाइ हाइ ।
नेता या फिर अभिनेता, फैशन सबको भाइ
कोट, पेंट, टाई, बिना , छात्र क्योंकर जाइ ?
फैशन के बाजार में, ढूँढत अपनी जात
फटी पेंट, टैटू बिना , बने न कोई बात।
जब तक फैशन ना करो, कोई पूछत नाँहि
सब सोचत या अनपढ़ो , जाकूँ देउ भगाहि ।
फैशन में फैशन रहे, फैशन कहूँ न जाइ
कोई जो चाहे कहो , फैशन खूब सुहाइ।
जैसे पूड़ी नहि बने, बिन गेहूँ के चून
तैसे फैशन के बिना, सब लागे है सून।
हाइ= Hi!
ओम् शान्ति:
अजित सम्बोधि ।
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