हम हैं शासक देश के, सब ही जानें याहि
जो चाहें हम करि सकें, हम कूँ डर है नाँहि।
शासन करने के लिये , हम रहते स्मार्ट
शासक उसको जानिये, पहले मारे डार्ट।
जनता हमको चाहती, हम जनता को चाहें
हम करते हैं काज वही, जो जनता है चाहे ।
जब लूऐं चलने लगें, करते बिजली बँद
लोगो का पैसा बचे, घर में हो आनँद ।
देश बचाने के लिये, बम बनाते खूब
जनता बड़ी सयानी है ,भूखी रहले खूब ।
अस्पताल में अगर जो, मिले न दवा अनमोल
हो जाता है आप ही , आबादी कन्ट्रोल ।
ग्रीन हाउस की गैसें , बढ़ें तो बढ़ा करें
जनता की हैं फैक्टरी, कबहु न बँद करें।
प्रथ्वी की क्लाइमेट जब, हो जायेगी चूर
मँगल पे बसि जाएँगे, चाहे जितनो दूर।
हम शासक बेजोड़ हें, मानें न कबउ हार
क्रियेटर छिपतो फिरे, कबहु तो लेंगे मार।
स्मार्ट = smart. डार्ट = dart. क्रियेटर = creator.
ओम् शान्ति:
अजित सम्बोधि।
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