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Friday, July 29, 2022

योगक्षेमं वहाम्यहम्।

कन्हैया ने कभी एक वादा किया था
हमसे भी गो कि एक वादा लिया था 
ऐसा शर्तनामा किसी ने  नहीं बनाया  
कन्हैया ने जैसा मुआहिदा किया था।

बड़ा काम उसने ख़ुद पे ले लिया था
हमारा  बोझ अपने सिर ले लिया था 
हमें  तो कमतर सा काम दे दिया था 
उसे याद रखें , बस ये काम दिया था।

अपने ज़िम्मे सारा  योगक्षेम ले लिया
मैं 'वहन' करता हूँ, ये और बोल दिया 
इतना तो  शर्मिन्दा नहीं  न करना था
ये क्या कम था, ज़ेरबारी को ले लिया।

योगक्षेम रखना कुछ कम तो नहीं है 
ये सिर्फ़ हिफ़ाज़त करना ही  नहीं है 
बल्कि जो  कमी है उसे  पूरा  करके 
ये देखना और  कुछ कमी तो नहीं है।

'ढोया करता हूँ', रब्बा क्या कह दिया 
था ख़ादिमों का काम, ख़ुद कर दिया 
माह ओ मिहिर तेरे इशारे पे हैं चलते 
कहकशाँ हैं नाचते, ये क्या कह दिया?

सौदा तो घाटे का हमें  लगता नहीं है 
किसी ने ऐसा वादा किया भी नहीं है 
एक बार आज़मालें , मन कह रहा है 
क्या ख़्याल है , कुछ  हर्ज़ तो नहीं है?

गोकि= यद्यपि। मुआहिदा=contract. कमतर=छोटा।
ज़ेरबारी=बोझा। रब्बा=ईश्वर। ख़ादिमों=सेवकों।
माह ओ मिहिर=चाँद और सूरज। कहकशाँ=galax(y/ies).

ओम् शान्ति:
अजित सम्बोधि।  

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