ख़ुशियों का अम्बार है लाया
रोबिन लाया, रैन भी लाया
साथ में मेरी बहिना लाया
अद्धभुत एक नज़ारा लाया।
मेरी बहिना अन्तर द्रष्टा
उंगली की पारंगत स्रष्टा
बुनकर लाई हार गले का
मोहित करता पहली द्रष्टा
सपने सा संसार सजाया।
मेरी बहिना अनुकरणीय
वाणी उसकी अति कमनीय
म्रदुल भाषिणी, हँसमुख है
है वो अति ही अतुलनीय
मालिक ने क्या ख़ूब मिलाया!
तुम्हारा भाई
अजित सम्बोधि।
No comments:
Post a Comment