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Friday, April 7, 2023

आलोक

जैसा नाम है  वैसा  काम किया
आलोक ने आलोकित हो किया 
टिक ना  पाई चादर ज़ुल्मत  की
 कोने कोने को ताबिन्दा किया।
जो किया वो पूरे मन से  किया 
जो किया वो सबके लिए किया 
बढ़ चढ़ के सबका  मान किया।

जब अवध के ईशने याद किया 
ऊषा  का  आकर  पान  किया 
सूनी गोदी भरदी माँ की , और
आलोकित  हो,  निदान  किया।
जो अद्भुत था  वो काम  किया
जैसा नाम  है वैसा  काम किया 
आलोक ने आलोक फैला दिया।

हर साल का हर दिन याद रखा
ग़फ़लत में न कोई, लमहा रखा
आज  पूरे  हुए हैं  बावन  बरस
हर दिन को दिवाली जैसा रखा।
वारिसाना  हक़,  पैवस्त  किया
जैसा नाम है  वैसा काम  किया 
आलोक ने आलोक लुटा दिया।

ज़ुल्मत=अँधेरा। ताबिन्दा=रोशन।
वारिसाना हक़ पैवस्त किया=
उत्तराधिकारी के फ़र्ज़ का निर्वाह किया।

बधाई हो 
अजित सम्बोधि।

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