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Saturday, June 21, 2025

योग दिवस 2025

कहते हैं  आज योग दिवस है 

भला इसमें क्या असमंजस है 

योग एक ऐसा पूर्ण  विधान है

जो दायमी है, बेहद मुकद्दस है।


योग तो एक शाश्वत विधा है 

जो दूर कर देती हर दुविधा है 

जिस्म को  रूह से मिलाने की 

सभी को उपलब्ध ये सुविधा है।


हर दिवस ही योग दिवस है 

सबके लिए ही ये सरबस है 

जिन्हें रूह से रूबरू होना है 

उनके लिए  अहम ढाढ़स है।


योग का अर्थ  होता है  जोड़ना 

ज़रूरी है इस बात को समझना 

एक रास्ता जो रूह तक जाता है 

योग से है उस रास्ते को खोजना।


दायम = eternal. मुकद्दस = पवित्र।

सरबस = सर्वस्व। रूबरू = सन्मुख।


ओम शान्ति:

अजित सम्बोधि 


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