मैंने वादा कर लिया है
मुठ्ठियों को खोल दिया है
मैं पलकें बिछाऊँगा
मैं नज़रें बिछाऊँगा
मैं तुम्हें ना भुलाऊँगा
मैं वादे निभाऊँगा
कैसा करम है तेरा
कैसा रहम है तेरा
मैंने वादा कर लिया है
मैंने दिल खोल दिया है
सब रानाइयाँ सजाऊँगा
तनहाइयाँ मिटाऊँगा
रोने न दूँगा अकेले में
रोने न दूँगा मेले में
आँखों में जो नमी है तेरी
पलकें जो झुकी हैं तेरी
क़सम है ये अब मेरी
हर शमा जलाऊँगा
मैंने वादा कर लिया है
ख़ुद को तैयार कर लिया है
कभी था जो सरताज
किसने दिया था वो ताज
तूने ही दिया था साज़
तूने ही बख्शा था ताज
कैसे हो गया मोहताज
मैं दिल नवाज़ बनाऊँगा
फ़िर से नाज़ करवाऊँगा
मैंने वादा कर लिया है
शुआओं को खोल दिया है
फ़लक से ज़मीं तक सभी
सूना पड़ा है जो अभी
नामुमकिन दिखे, था जो मुमकिन
मैं उसको बनाऊँगा मुमकिन
मैं ख़ुदी को मनाऊँगा
मैं तुमको मनाऊँगा
मैंने वादा कर लिया है
जो सोया था जगा दिया है
कैसी झिलमिल सी झलकती हैं
कैसी रिमझिम सी बरसती हैं
ये बे इन्तिहा इनायतें तेरी
ये दिलाराइयाँ तेरी
ये चाँद की शुआऐं
ये मुस्कुराती रानाइऐं
मैं इन्हें सब तक पहुँचाऊँगा
सब को दिल से लगाऊँगा
मैंने वादा कर लिया है
मैंने वादा कर लिया है
रानाइयाँ = सजावटें।शमा = दिया।
दिल नवाज़ = दिल को ख़ुशी देने वाला।
शुआओं/ऐं = किरणें। फ़लक = आसमान।
दिलाराइयाँ = दिल में छुपी ख्वाहिशें/ ख़ुशियाँ।
क़दम बोस
अजित सम्बोधि